आज हम इस लेख में जानेगे : Daisy Flower in Hindi, गुलबहार फूल की जानकारी, घर पर डेज़ी फूल का पौधा कैसे उगायें, गुलबहार फूल की विशेषताएँ, Daisy Flower Hindi Name, डेज़ी फूल के पौधें की देखभाल कैसे करे।
डेज़ी फूल (Daisy Flower) एक बहुत ही सुंदर फूल का पौधा है, जो विभिन्न रंगों में पाया जाता है। इसकी पत्तियाँ और फूल दोनों ही देखेने में बहुत ही ज्यादा खुबसूरत लगाती है। इसकी हरी पत्तियाँ एवं इनके सफ़ेद रंग के जो फूल होते है ये आपके बगीचे को एक नया ही आकर्षक रूप देता है और साथ ही ज्यादातर लोगो को इसकी खूबसूरती और इनके फ्रेश सुगंध पसंद होता है। नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका Tathya Darshan मर जहाँ हम विभिन्न विषयों से संबंधित महत्वपूर्ण तथा रोचक जानकारी आप तक आसान शब्दों में साझा करते है। आज हम इस लेख में जानेंगे Daisy Flower in Hindi – गुलबहार फूल के बारे में विस्तार से।
गुलबहार फूल की जानकारी (Daisy Flower in Hindi)
गुलबहार फूल एक बहुत ही खुबसूरत फूल है, जो आमतौर पर गुलाब के बाद लोगों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाला फुलों में से एक है। इसे ज्यादातर सफ़ेद, दीप गुलाबी, लाल और पीले रंगों में देखा जा सकता है। इस फूल की लगभग 4000 प्रजातियाँ है, जो अंटार्कटिका महाद्वीप को छोड़कर ये पुरे विश्व भर में फैली हुई है। लेकिन यह फूल ज्यादातर एशिया(Asia) और यूरोप (Europe) के साथ उत्तरी अमेरिका (North America) में पाया जाता है। यहाँ पर इसे घास के मैदानों, खेतो और सड़कों के किनारे में खास तौर पर उगाया जाता है। जिससे उस जगह की खूबसूरती और बढ़ा देता है और साथ ही अपनी खूबसूरत चकली जैसी शकल के लिए प्रसिद्ध यह फूल हमारे गार्डन और हमारे घर के बालकनी के लिए एक बेहतरीन चयन है। यह फूल का पौधा बारहमासी पौधा है जो साल के किसी भी महीने में उगायें जा सकते है। हालाकि इसे ज्यादातर शरद (Winter) और वसंत (Spring) ऋतु उगाते है। क्योंकि गुलबहार फूल के पौधा को पनपने में सूरज की रोशनी चाहिए होता है और इसके फूल को खिलने के लिए भी सूरज की रोशनी की ज़रूरत पड़ता है, जैसे ही सूरज की रोशनी इस फूल पर पड़ती है तब वह खिल उठता है और जैसे सूर्य की प्रकाश पड़ना बंद हो जाता है वैसे ही वह मुरझा जाते है।
गुलबहार फूल के पौधे की ऊँचाई समान्य तौर पर 5 फीट तक होती है। लेकिन इसके कई ऐसे विशेष प्रजातियाँ है जिसका ऊँचाई 5 फीट से भी अधिक हो जाती है जो ज्यादातर उत्तरी अमेरिका और यूरोप में उगायें जाते है। एक डेज़ी फूल के पौधे का एक छोटा सा फूल जो लगभग 4 से 5 सेंटीमीटर तक बढ़ सकता है और साथ ही इसकी पत्ते और शखाएँ काफ़ी हल्के होते है, विशेष रूप से इसकी चमकदार हरी पत्तियाँ हल्के के साथ लंबे भी होते है जो दिखने में काफ़ी सुंदर लगता है। इस पौधे का फूल इसके शाखाओं से निकलता है जो पूरी तरह से पनपने के बाद बहुत ही खुबसूरत लगता है और इसका सुगंध बहुत ही मधुर होता है। यह गुलबहार फूल का पौधा ऐस्टरेसिए (Asteraceae) पौधा के परिवार से संबंधित होते हुए यह विशेष जाती का फूल है, जो एक छोटा सा गुच्छा के रूप में पनपनता है और बीज के रूप में खत्म हो जाता हैं।

गुलबहार फूल की विशेषताएँ
- गुलबहार फूल अपने खूबसूरती के साथ फ्रेश सुगंध के लिए भी प्रसिद्ध है। इस फूल की सुगंध बहुत ही मधुर होता है जिससे मधुमक्खियाँ के साथ और भी कई तरह के कीड़े मकोड़े इसके तरफ आकर्षित होती है और इस फूल पर वह सब आकर बैठती है। विशेष तौर पर मधुमक्खियाँ आकर बैठती है। क्योंकि इस फूल पर वे रसपान करती हैं।
- यह फूल बहुत से अलग – अलग रंगों में पाया जाता है जैसे सफ़ेद, दीप गुलाबी, लाल और पिला इन जैसे रंगों में आमतौर पर देखने को मिलता है। परंतु ज्यादातर सफ़ेद रंग में देखा गया है जिसमे इन फुलों के बिच में गोलाकार आकृति में एक पीले रंग के गुच्छे बने होते है, जो की इस फूल के सुंदरता को और बढ़ा देता है। इस गोल आकृति को फ्लोरेट्स डिस्क (Florets Disk) कहाँ जाता हैं।
- गुलबहार फूल को अक्सर मासूमियत, पवित्रता और नई शुरुवात से जुड़ा हुआ माना जाता है। हमारे देश भारत में भी इन फुलों को पवित्रता के रूप में माना जाता है, जो कई संदभो में उपयोग किया जाता है जैसे पूजा करने में और भी अनेकों कार्य में इसका उपयोग किया जाता हैं।
- गुलबहार फूल को दिन की आँख (Day Eye) भी कहाँ जाता है। क्योंकि यह सिर्फ दिन के समय खिलता है और शाम होते – होते मुरझा जाता है। अर्थात जब सूरज उगता है तब यह भी खिल उठता है और जब सूरज डूब जाता है तो यह गुलबहार फूल भी मुरझा जाता हैं।
- इसकी सुंदरता और सुगंध के अलावा इसमें और भी कई तरह के विशेषताएँ है जैसे की इन फूलों में औषधिक गुण है और साथ ही बहुमुखी प्रतिभा के लिए सराहा जाता हैं।
डेज़ी फूल की हिंदी नाम (Daisy Flower Hindi Name, Daisy Flower in Hindi)
Daisy Flower को हिंदी में “गुलबहार फूल” कहाँ जाता है। इस फूल का वैज्ञानिक नाम बेलिस पेरेनिस (Bellis Perennis) है और इसे अंग्रेजी में डेज़ी फ्लावर (Daisy Flower) कहां जाता है, जो यूनानी शब्द “डेज़ी (Daisy)” से लिया गया है, जिसका मतलब “दिव्य” यानि “अलौकिक” होता हैं।
गुलबहार फूल का उपयोग (Uses of Daisy Flower in Hindi)
- गुलबहार फूल को उनकी मीठी सुगंध के लिए जाना जाता है और अक्सर इस फूल का उपयोग इत्र, साबुन, क्रीम और भी अन्य कॉस्मेटिक उत्पादों को बनाने के लिए किया जाता है।की खूबसूरती
- साथ ही डेज़ी पौधे का चमकदार हरे पत्तियाँ भी खाने योग्य होता है और इन पत्तियाँ को सलाद और कई तरह के अन्य व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है।
- इस फूल की खूबसूरती और सुगंध के अलावा इसके कई प्रतीकात्मक अर्थ है जैसे वे अक्सर मासूमियत और पवित्रता के लिए माना जाता है। साथ ही इसको प्यार, वफ़ादारी और दोस्ती का प्रतिनिधित्व करने के साथ कई तरह के संस्कृतियों में यह फूलों का इस्तेमाल किया जाता है।
- गुलबहार पौधा के फूल में कई औषधीय गुण है, जिसे सदियों से विभिन्न बिमारियों के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में इसका उपयोग किया जाता आ रहा है। क्योंकि इसके फूलों में कई ऐसे पदार्थ है जिसमे एंटी इंफ्लेमेटरी (Anti-Inflammatory), एंटी माइक्रोबियल (Antimicrobial) और एंटीऑक्सिडेंट (Antioxidant) गुण है। इसलिए इस फूल का उपयोग त्वचा (Skin) में, पाचन समस्याओं और श्वसन संक्रमण (Respiratory infection) के इलाज के लिए किया बजता है।
- गुलबहार फूल (Daisy Flower) का उपयोग अक्सर शादियों, त्योहारों और भी कई अन्य शुभ अवसरों में सजावट के लिए किया जाता हैं।
घर पर डेज़ी फूल का पौधा कैसे उगाये
डेज़ी फ्लावर जिसे लोग गुलबहार फूल के नाम से जानते है। जिसे कई लोग अपने घर के गार्डन और बालकनी में उगाते है। यह फूल जिस जगह पर लगाया जाता है उस जगह का खूबसूरती को यह फूल और भी बढ़ा देता है। परन्तु अब बात आती की यह फुय्ल को कैसे उगायें, तो चलिए इस फूल लेख के माध्यम से हम आपको बताते है की यह गुलबहार फूल का पौधा को आप अपने घरों में कैसे उगायें।
गुलबहार का पौधा बीज से कैसे उगायें
गुलबहार फूल के पौधे को बहुत आसानी से बीज से उगाया जा सकता है।
- इस फूल के बीज को आप ऑनलाइन (Online) माध्यम Amazon या Flipkart से ख़रीदा सकते है या नहीं तो अगर आपके आस पास में कोई गुलबहार फूल का पौधा हो तो आप उससे बीज निकालकर उगा सकते है, इसके लिए आपको सबसे पहले गुलबहार फूलों को सुखाकर इसमें से बीज निकल लेने है और इन बीजों को तैयार करके रख लें। इन बीजों को गेंदा फूल के बीजों की तरह ही निकाला जाता हैं।
- हालाकि यह फूल का पौधा बारहमासी पौधा है किन्तु आप इसे शरद (Winter) और वसंत (Spring) ऋतु में ही उगायें। क्योंकि गुलबहार फूल के पौधा को पनपने में सूरज की रोशनी चाहिए होता है और साथ ही इसके फूल को खिलने के लिए भी सूर्य की रोशनी की जरुरत पड़ती हैं।
- इसके बाद आपको इस पौधे के बीज को बोने के लिए एक गमले में अच्छी और उपजाऊ मिट्टी तैयार कर लेना है। इसके लिए आप कोई भी गमला ले सकते है जिसमे आधा हिस्सा रेत (Sand) से भर ले और दों हिस्सा में बगीचे की सामन्य मिट्टी या गोबर की पुरानी खाद या फिर पीट कोयला (Cocopeat) भी ले सकते है। पर ध्यान रहे 5% से अधिक कोई भी खाद नहीं डालना है। क्योंकि ज्यादा खाद डालने पर बीज सर भी सकते है या फर उग कर गल भी सकता है। साथ में कवकनाशी पाउडर (Fungicid Powder) को भी थोड़ा बहत दाल सकते हैं।
- गमले की मिट्टी को तैयार करने के बाद आपको करीब 1 से 2 इंच गहरे में सभी बीजों को लगा देना है और ऊपर से बेहत पतले मिट्टी या पीट कोयला (Cocopeat) की परत चढ़ा देंगे, जिससे बीज केवल ढ़क भर जाए।
- इस परत को चढ़ा देने के बाद आप उस मिट्टी को दबाकर सेट कर ले इससे बीज अपने जगह पर सेट हो जाएगा पानी देने पर इधर-उधर नहीं होंगे।
- बीज बोने के बाद आपको इसमें पानी को बहुत हलके हाथों से छिड़कना है। पर अगर आपके पास फुब्बारा है, तो आप उससे भी पानी का स्प्रे कर सकते हैं।
- गमले में पानी का छिड़काव करने के बाद आप इसको कुछ दिनों के लिए ऐसे ही छोड़ दे और 4 से 5 दिनों के बाद से समय समय पर इनमे पानी का छिड़काव करते रहे। इन बीजों से पौधा निकलने में लगभग दों सप्ताह का समय लग जाता है। और जब पौधे थोड़े बड़े हो जाए अर्थात 37 से 40 दिनों के बाद इसे तुरंत ही प्रत्यारोपण (Transplant) कर लेना है। जिसमे आप इसे एक बड़े से गमले में लगा सकते है या फिर आप इन पौधों को जमींन में भी लगा सकते हैं।

गुलबहार के पौधे की देखभाल कैसे करे
गुलबहार के फूलो और पौधे की देखभाल करना बहुत जरुरी होता है। क्योंकि इसे अच्छे से देखभाल नहीं करने से इसके पौधा जल्दी मर जाता है। लेकिन गुलबहार के पौधा में बहुत अधिक संख्या में फूल खिलते है। तो चलिए अब जानते है की गुलबहार के फूल और पौधा का देखभाल कैसे करे।
- अगर बात देखभाल की जाए तो सबसे पहले बात आती है पोती मिसक मिट्टी की। दोस्तों आपका ये पौधा जो होता है। ये है तो वसंत ऋतू का पौधा लेकिन इसे आप अपने गार्डन में अप्रेल मई तक आसनी से उगा सकते है। हालाकी जब थोड़ा तेज धुप न निकल आती है तो उस धुप को भी ये पौधा सहन नही कर पाता है। इस वजह से जब भी आप पोटी मिस्क मिट्टी तैयार करे तो इसकी मीट्टी हमेशा ऐसी चुने जो की ज्यादा से ज्यादा नमी अपने अंदर बनाए रखे।
- ध्यान रखे की जब भी आप इसकी पोटी म्किस मिट्टी की तैयार कीजिए तो उसमे आप जो कम्पोजीशन (Compostion) इसके लिए रखिएगा उसमे आप 40% बगीचे की समान्य मिट्टी, 40% खाद और 20% नदी की बालू (River Sand) का प्रयोग कीजिए। इससे होगा की आपका जो पोटी मिक्स तैयार होगा वह नमी ज्यादा से ज्यादा पकड़ कर रख सकेगा।
- आईए अब बात कर लेते है सूर्य की रोसनी की, आपके इस पौधे को सूरज की रोशनी बहुत ही पंसद है, जब अच्छी सूर्य की रोशनी इनके ऊपर पड़ती है तो तभी ये पौधे में ज्यादा से ज्यादा फुल खिलते है लेकिन तेज धुप जो होती है उनको सहन भी बहुत ही कम कर पाती है। जब भी इनके ऊपर तेज धुप पड़ती है तो इनकी पत्तियाँ जो है वह मुर्झाना शुरू कर देती है।
- और जब भी आप अपने इन पौधे को पानी दे तो ध्यान रखे की इसके फूलों के ऊपर पानी ना गिर पाए। क्योंकि अगर फूलों के ऊपर पानी गिर जाते है तो इसके फूलों के पंखुरिया गल सकते है। इसीलिए पानी हमेशा पौधे की जड़ में ही देनादेना चाहिए। और आप इन सभी पौधे पर मार्च से मई के महीने तक हर रोज पानी दे। लेकिन ध्यान रखे की अगर तेज धुप निकले तभी हर रोज पानी दे और अगर धुप तेज ना हो तो इसे देख कर पानी डाले।
Bonus Knowledge
- दोस्तों आपको मैं एक सलाह ये देना चाहूँगा की जब भी आप गुलबहार का पौधा लगाए, तो जैसे मार्च का महिना शुरु हो और वायुमंडल की नमी कम होने लगे उस समय आप अपनी इस पौधे को उठाकर थोड़ा अर्ध छाया (Semi-Shadow) वाला जगह पे रख दे। क्योंकि आपका ये पौधा जो होता है ये तेज धूप को बहुत ही कम सहन कर पाता है।
- साथ ही ख्याल कर के समय समय पर आपको इस पौधे से सभी ऐसे फूलो को काट दे, जो की मुरझाने लगते है। इससे आपके पौधे की आयु और साथ ही फूल, ये दोनों बढ़ जाते है।
- गुलबहार के पौधे में खाद देने के लिए आप महीने में एक बार बर्मीकम्पोस्ट या फिर सरसों का खल को पानी में अच्छे से घोलकर लगभग एक कप के मात्रा में इस पौधे की जड़ में डाल दे।
Conclusion: Daisy Flower in Hindi – निष्कर्ष
- Daisy Flower in Hindi: गुलबहार फूल एक बहुत ही खुबसूरत फूल है, जो आमतौर पर गुलाब के बाद लोगों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद किये जाने वाला फुलों में से एक है। इसे ज्यादातर सफ़ेद, दीप गुलाबी, लाल और पीले रंगों में देखा जा सकता है।
- गुलबहार फूल का उपयोग: गुलबहार पौधा के फूल में कई औषधीय गुण है, जिसे सदियों से विभिन्न बिमारियों के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में इसका उपयोग किया जाता आ रहा है।