Olympics: ओलिंपिक कब और कैसे शुरू हुआ था। History Of Olympic in Hindi

Ancient & Modern Olympic

खेल हमारे जीवन का एक अहम् हिस्सा है  जो ना सिर्फ हमे सरिक और मानसिक तौर पर मजबूत बनता है। बल्कि ये हमारे मनोरंजन का एक बेहतरीन जरिया है। पूरी दुनिया में कई तरह का खेल खेले जाते है और खेलो के मुक़ाबले भी होते है। परंतु खेलो के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा मंच ओलिंपिक को ही माना जाता है। क्योंकि इसी मंच पर दुनिया का सबसे जादा खेलो का मुक़ाबले होते है जहाँ पर दुनिया भर के देशों से आये खिलाड़ी अलग – अलग खेलो के लिए प्रतियोगिता करते है। नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका  Tathya Darshan (तथ्य दर्शन)  में जहाँ पर हम विभिन्न विषयों से संबंधित महत्वपूर्ण तथा रोचक जानकारी आप तक आसन शब्दों में साझा करते है। आज इस लेख में हम जानेगें ओलिंपिक कब और कैसे शुरू हुआ था। : History Of Olympic in hindi  के बारे में विस्तार से। ओलिंपिक खेल प्रत्येक चार वर्ष के अंतराल में खेला जाता है। जिसमे कई तरह के अलग – अलग खेलो का प्रतियोगिता होता है। इस खेल में सबसे बड़ा पुरुस्कार स्वर्ण पदक (Gold Medal) होता है जो खेलो में सबसे प्रथम स्थान आने वाले को दिया जाता है और द्वितीय स्थान आने वाले को रजत पदक (Silver Medal) दिया जाता है। इसके अलावा इसमें तृतीय स्थान आने वाले को कांस्य पदक (Bronze Medal) दिया जाता है। पर ओलिंपिक को खास बनती है उसके जयोजन में जलाए गई मसाल जिसका इतिहास उतना ही पुराना है जितना पुराना ये खेल है।

Olympic Medals Gold, Silver & Bronze

Ancient Olympic: प्राचीन ओलिंपिक

प्राचीन यूनान में हुई थी ओलिंपिक की शुरुआत। माना जाता है ओलिंपिक की काहानी ईसा के जन्म से 1000 साल पहले ही शुरू हो गई थी। इन खेलो को यूनान (Greece) के राजधानी एथेंस में धार्मिक खेलो के रूप में खेला जाता था। इसके आयोजन उस समय देवताव के देवता जियुस के समान में खेला जाता था। इसके अलावा ये खेल सैनिकों के प्रशिक्षण और युद्ध के तयारी में भी काम आता था। 

धारनाव की माने तो उस समय ओलिंपिक में मुख्य रूप से रथ की सवारीजा, घुड़सवार कुस्ती, दौर और मुक्केबाज़ी खेले जाते थे। इस खेलो के साथ ही ओलिंपिक में एक मशाल भी जलाई जाती थी। माना जाता है की उस समय ओलिंपिक का मशाल सूर्य के जरिए जलाई जाती थी। इस मशाल को तब तक जलाए रखा जाता था जब तक खेलो का समापन ना हो जाए। ओलिंपिक की ये मशाल शुद्धता, जीवन और खुद को निपूर्ण करने की हमारे कोशिश को दर्शाती है। आज की ही तरह उस समय भी ये मशाल को ओलिंपिक खेल के प्रतिक के रूप में प्रोयोग किया जाता था। उस समय जो खिलाड़ी जीतता था तो उसे इनाम के तौर पर एक मूर्ति दी जाती थी। इस खेल का नाम ओलिंपिक इस लिए रखा गया। क्योंकि इसे यूनान की राजधानी एथेंस में ओलिंपिक पर्वत पर सबसे पहले खेला गया था। इसी कारण से इस खेल का नाम ओलिंपिक (Olympic) पड़ा। प्राचीन ओलिंपिक खेल का आखिरी आयोजन 393 AD में हुआ था। उसके बाद रोम के सम्राट थियोडोसियस 1 इस खेल को मूर्ति पूजा का आयोजन बताकर इस पर प्रतिबंध लगा दिया था।

प्राचीन और मॉडर्न ओलिंपिक मशाल

Modern Olympic: आधुनिक ओलिंपिक

ओलिंपिक का दोबरा शुरुआत साल 1896 में 6 अप्रैल के दिन पहले आधुनिक ओलिंपिक खेलों की शुरुआत हुई थी। जो पिएर्रे दी कोउबेर्तीं (Pierre De Coubertin) के प्रयाशों के कारण हो पाया था। कहते है की उन्होंने इतिहास में ये खेल महोत्सव के बारे में सुना था। इसलिए उनके दिल में हमेशा से इच्छा थी की वे भी ऐसें खेल की शुरुवात कराएं जहाँ हर कोई आकर खेल सके। माना जाता है की पहला 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में इन ओलिंपिक की फिर से शुरुवात हुई। हालाँकि शुरू में इसकी अस्तित्व को बचाने के लिए काफ़ी संघर्ष करना पड़ा। शुरू में ये इतना लोप्रिय नहीं हो पाया। ये इतिहास का केवल एक हिस्सा था। जिसे लोग भुला चुके थे। लोगो को इसके ओर आकर्षित करना बहुत ही मुस्किल काम था। फिर भी पिएर्रे दी कोउबेर्तीं ने थोड़ा बहुत लोगो को इसके ओर गीच लिए थे। 

शुरुवात में विश्व के महाशक्ति देश जैसे की अमेरिका और रूस ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाए और बाकि देशों ने इसे कुछ खास तब्बजो नहीं दिया। हलाकि पिएर्रे दी कोउबेर्तीं हार नहीं माने और ये ओलिंपिक का आयोजन करते रहे। 

Pierre De Coubertin
Pierre De Coubertin

जब मिली ओलिंपिक को पहचान 

ओलिंपिक को एक नई पहचान उसके चौथे आयोजन में मिली जो लोंदन (London) में हुआ था और इसमें करीब 2000 खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इसके बाद धीरे – धीरे ये खेल प्रसिद्ध होता चला गया और दुनिया के महाशक्ति देशों जैसे अमेरिका और रूस इसमें आ जाने के बाद इसकी शान और बड़ गईथी। इसके बाद से इस खेल में पदक (Medal) जितना देश के प्रतिष्ठा के रूप में देखा जाने लगा। इसके बाद साल 1924 से ओलिंपिक खेल काफ़ी प्रसिद्ध हो गई। जब इसका 8 वा  संस्करण पेरिस में हुआ था। उस साल करीब 3000 खिलाड़ियों जो 44 देशों से आए थे जिसमे करीब 100 से भी अधिक महिला खिलाड़ी थी उन सबी ने हिस्सा लिया था। इसके अलावा ओलिंपिक के इसी संस्करण में पहली बार समापन समारोह (Closing Ceromony) की गई थी।

आधुनिक ओलिंपिक खेल का आधिकारिक प्रतिक पाँच इंटर लॉकिंग रंगीन छले है। जो उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका इन 7 महाद्वीपों को दर्शाती है। इसके अलावा ओलिंपिक का झंडा सफ़ेद रंग का होता है। आज की ओलिंपिक खेल का नियंत्रण के लिए अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति : International Olympic Committe (IOC) मौजूद है।जिसकी स्थापना साल 1894 में पिएर्रे दी कोउर्बेर्तीं ने ही किये थे। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड (Switerland) के शहर जिनेवा में है। ये समिति ही फैसला करती है की अगला ओलिंपिक खेल किस देश में आयोजित की जाएगी। इस समिति में करीब 100 सदस्य होते है जिसमे राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (NOC) के सदस्य भी सामिल होते है। जिनका काम है अपने – अपने देशों में खेलों को बढावा देना। आज जिस भी देश में ओलिंपिक होता है वहाँ पर ओलिंपिक के शुरू होने से पहले उद्धाटन समारोह (Opening Ceromony) होती है और खेल की समापन पर Closing Ceromony भी होती है। जो बड़े ही धूम धाम से मनाई जाती है। ओलिंपिक खेल में आज कई तरह के खेल सामिल है। शीतकालीन ओलिंपिक (Winter Olympic) और ग्रीष्मकालीन ओलिंपिक (Summer Olympic) जैसे संस्करण भी बन गए है। दुनिया के कई देश इसमें भाग लेते है जहाँ विभिन्न देशो से आए खिलाड़ी पदक जितने के लिए एक दुसरे से मुकाबला करते है। ओलिंपिक में पदक (Medal) जितना बहुत सम्मान की बात मानी जाती है।

Bonus Knowledge 

  • भारत के तरफ से अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) के सदस्य नीता अंबानी है। 
  • ग्रीस (Greece) को यूनान के नाम से भी जाना जाता है। 
  • लगभग 3000 साल पहले 776 BC पूर्व में यूनान में पहला ओलिंपिक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी।

Conclusion: निष्कर्ष

  • दुनिया में खेलों के मामले में सबसे बड़ा मंच ओलिंपिक है। प्राचीन ओलिंपिक सबसे पहले यूनान (Greece) के राजधानी एथेंस में ओलिंपिक पर्वत पर खेला गया था। उस समय इसे धार्मिक खेलों के रूप में खेला जाता था। तथा उस समय ओलिंपिक में मुख्य रूप से रथ की सवारीजा, घुड़दौर कुस्ती, दौर और मुक्केबाज़ी खेले जाते थे। 393 AD के बाद से प्राचीन ओलिंपिक खेलो पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
  • आधुनिक ओलिंपिक की शुरुआत 19 वी शताब्दी में फ्रांस के पिएर्रे दी कोउर्बेर्तीं के द्वारा किया गया था। साल 1924 के बाद ओलिंपिक काफ़ी मशहूर हो गई जब इसका 8 वा संस्करण फ्रांस की राजधानी पेरिस में हुआ था। ओलिंपिक खेल को अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (IOC) के द्वारा नियंत्रण किया जाता है। यही फ़ैसला करता है की अगला ओलिंपिक किस देश में आयोजित किया जायेगा। आधुनिक ओलिंपिक में अनेकों खेल खेले जाते है जैसे की फुटबॉल, हॉकी, गोल्फ़, घुड़सवारी, बास्केटबॉल, बैडमिंटन, आइस हॉकी, स्केलेटन, और अनेकों खेल है। आगे और भी खेल जुड़े जायेंगे। ओलिंपिक में विज़ेताव को पुस्कार दिए जाते है। जिसमे प्रथम स्थान आने वाले को स्वर्ण पदक दिया जाता है, द्वितीय स्थान आने वाले को रजत पदक दिया जाता है और तृतीय स्थान आने वाले को कांस्य पदक दिया जाता है। 

Mind Test

Q.1 प्राचीन ओलिंपिक खेलों पर कब प्रतिबंध लगाया गया था। 

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Note*

ये प्रशन इसी लेख के अंदर से पूछा गया हैं।

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